राम मंदिर (Ram Mandir) अयोध्या, कोसल राज्य की प्रारंभिक राजधानी थी और वेदों में इसे ईश्वर की नगरी माना गया। 

सरयू नदी के किनारे स्थित अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हुआ है।

अयोध्या के अंतिम राजा राजा सुमित्रा थे, जिन्होंने मगध के नंद वंश के सम्राट महापद्म नंद के साथ इस्थान से बाहर जाने के बाद रोहतास में शाही वंश को जारी किया।

रामायण का पुराना नाम "रामचरित मानस" है और राम मंदिर का दूसरा नाम 'श्रीराम जन्मभूमि मंदिर' है।

राम मंदिर (Ram Mandir) की जगह पहले बाबरी मस्जिद थी, जिसे 2019 में सर्वोच्च न्यायालय ने हिंदुओं के लिए घोषित किया।

राम मंदिर की ऊचाई 60 फीट होगी और भव्य परकोटा में सात मंदिर बनेंगे।

राम मंदिर का दूसरा नाम 'श्रीराम जन्मभूमि मंदिर' है, और इसे कई उपनामों से भी जाना जाता है।

राजा राम की केवल एक पत्नि थी, जिसका नाम माता सीता था।

राम के आखिरी वंशज में जयपुर राजघराना के लोग शामिल हैं, जो राजपूत वंश हैं और प्रभु श्रीराम के वंशज माने जाते हैं।

राम मंदिर के निर्माण के लिए यह भूमि हिंदुओं की मानी गई है, जिसका फैसला सर्वोच्च न्यायालय ने किया है।